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Silent Killer हैं ये 5 सफेद चीजें, पहचानिए इनमें छिपे इन खतरों को

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बॉडी को सेहतमंद रखने के लिए सही खान-पान का होना बहुत जरूरी है। खाने में ऐसे पोषक तत्वों का होना जरूरी है, जो शरीर को स्वस्थ रखें। खाने के नाम पर कुछ भी खा लेना सही नहीं होता है। आमतौर पर लोग खाने में कुछ ऐसी सफेद चीजों को शामिल करते हैं, जो टेस्टी होती हैं, लेकिन शरीर के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकती हैं। हम आपको इनमें छिपे मुख्य खतरों के बारे में बता रहे हैं।

1. चावल

सामान्यतौर ज़्यादातर घरों में एक टाइम चावल जरूर बनता है। चावल में फाइबर नहीं पाया जाता है, इसलिए इसके सेवन से पाचन क्रिया भी ठीक से नहीं हो पाती है। इसके अलावा, चावल का सेवन कई विटामिन और मिनरल्स के अब्जॉर्प्शन को रोकता है, जिससे ब्लड में शुगर लेवल और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसके सेवन से वज़न बढ़ने लगता है और आप धीरे-धीरे मोटापे के शिकार हो जाते हैं। अगर चावल खाते हैं, तो इसे पचाने के लिए वर्जिश भी करना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि रात को चावल का सेवन न करें।

चावल खाने में बहुत ही हल्‍के होते हैं, हम कब इनका स्‍वाद लेते-लेते इन्‍हें बहुत अधिक मात्रा में खा लेते हैं। हमें पता भी नहीं चलता। इन्‍हें खाने से बॉडी का वेट बहुत तेजी से बढ़ता है। यदि आपको कब्‍ज की प्रॉब्‍लम अकसर रहती है, तो आपको चावलों का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। सफेद चावलों में फाइबर बहुत कम मात्रा में होता है। इसलिए इन्‍हें पचाने में समय अधिक लगता है। ठंडियों में चावल बिल्कुल नहीं पचता है। आपकी कब्‍ज की समस्‍या ऐसे में और अधिक बढ़ सकती है। फाइबर युक्‍त आहार ही मानव शरीर के लिए उपयुक्‍त माने गए हैं।

2. मैदा

आज के समय में मोटे अनाज का चलन बेहद कम होता जा रहा है। आजकल अधिकतर चीजें जैसे नाश्ते में खाई जाने वाली चीजें, पास्ता, ब्रेड, स्नैक और ढेरों ऐसी चीजें मैदे से बनती हैं। और इन सब चीज़ो का आंतों में जाकर चिपकने का खतरा रहता है। इसमें फाइबर नहीं होता है, जिससे पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और फलस्वरूप चयापचय प्रक्रिया सुस्त पड़ जाती है। जिससे अपच की समस्या होने लगती है। इसके अलावा यह मोटापे, तनाव, सिरदर्द और माइग्रेन का कारण भी बन सकता है।

अधिक मात्रा में मैदे के सेवन से कई दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। इनमें से एक है, हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) का बढ़ना। इसके कारण वजन बढ़ने, उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) और चित्त में अस्थिरता (मूड स्विंग) की शिकायत हो सकती है। मैदा ओर इससे बनी चीजों का अधिक मात्रा में सेवन करना आपको मोटापे की ओर ले जा सकता है। इसके अलावा, इसके सेवन से आपको अधिक भूख महसूस होती है और मीठा खाने की तलब बढ़ जाती है।

3. नमक

सफेद नमक (सोडियम क्लोराइड) सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। नमक का ज्यादा सेवन हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और अन्य कई बीमारियों को जन्म देता है। मगर वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने नमक के कुछ ऐसे विकल्प खोज लिए हैं, जिनसे आपका खाना भी टेस्टी बनेगा और आपकी सेहत को नुकसान भी कम होगा। ये अध्ययन ‘जर्नल ऑफ फूड एंड साइंस’ में छपा है। शोधकर्ता कैरोलिन रॉस बताते हैं, ‘बाजार में पहले से कम सोडियम वाले नमक मौजूद हैं, मगर ये लोगों को पसंद नहीं आते हैं, क्योंकि इन्हें फूड्स में डालने पर लोगों को स्वाद से समझौता करना पड़ता है।

ऐसा पाया गया कि सोडियम क्लोराइड की अपेक्षा पोटैशियम क्लोराइड और कैल्शियम क्लोराइड सेहत के लिए ज्यादा सुरक्षित हैं। पोटैशियम हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को भी कम करता है। लेकिन पोटैशियम क्लोराइड का स्वाद कड़वा होता है, इसलिए अब तक इसे नमक के विकल्प के तौर पर नहीं इस्तेमाल किया जाता था।

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4. शक़्कर

दिन के अधिकतर समय बैठे रहने की जीवनशैली के अलावा मानसिक तनाव, अपर्याप्त नींद इन महामारियों के मुख्य कारण हैं और इसी वजह से नमक व चीनी की खपत भी बढ़ रही है। यह क्रिस्टलाइज़ सूक्रोज, फ्रुक्टोज और ग्लूकोज का एक संयोजन का एक रूप है, जिसे गन्ने के रस से निकाला जाता है। चीनी के अधिक सेवन से कई प्रकार की समस्याएं हो सकती है। आपने सुना ही होगा कि चीनी का सेवन करने से दांत खराब हो जाते हैं।

शक्कर रक्तगत शर्करा को अतिशीघ्रता से बढाती हैं। इसे सात्म्य करने के लिए अग्नाशय की कोशिकाएँ इन्सुलिन छोड़ती हैं। इन्सुलिन का सतत बढ़ती हुई माँग की पूर्ति करने से ये कोशिकाएँ निढाल हो जाती है, इससे इन्सुलिन का निर्माण कम होकर मधुमेह होता है। चीनी का सेवन करने से चीनी हमारे खून में घुलने लगती है और यह कुछ ऐसे प्रोटीन के साथ मिल जाती है जो हमारी जवान त्वचा को एजिंग की तरफ ले जाते हैं। चीनी प्रोटीन को खराब करके कोलेजन और इलास्टिन को भी खराब कर देती है। जिसके कारण स्किन में ड्राइनेस और त्वचा पर झुरियां दिखाई देने लगती है।

5. पनीर

पनीर को लेकर लोगों के मन में अक्सर ये कन्फ्यूजन रहता है, कि इसे खाना हेल्दी है या नहीं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के अनुसार, पनीर अगर संतुलित मात्रा में खाया जाए तो वह फायदेमंद है, लेकिन अगर ज्यादा फैट वाला ज्यादा पनीर खाया जाए तो नुकसान भी कर सकता है। अगर पनीर बनाने का दूध पाश्चुराइज्ड नहीं है या पनीर कच्चा खा रहे हैं तो बैक्टीरियल इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। अगर पनीर बनाने में होल मिल्क का यूज हुआ है तो इसमें कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ने की समस्या हो सकती है। पनीर में ज्यादा मात्रा में फैट मौजूद होता हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना आपके दिल के लिए खतरा भी पैदा कर सकता हैं।

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