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महीने भर में ही सिगरेट का बॉडी पर कैसा होता है असर, जानिए यहां

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सिगरेट पीना सेहत के लिए बहुत ज़्यादा हानिकारक होता है। सिगरेट के पैकेट पर भी बड़े-बड़े अक्षरों में भी यह चेतावनी लिखी रहती है। बॉडी पर स्मोकिंग का लॉन्ग टर्म इफेक्ट होता है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है, कि सिगरेट का बुरा असर पहले दिन से ही शुरू हो जाता है। हम आपको स्मोकिंग से 30 दिन में बॉडी पर होने वाले 8 नुकसानों के बारे में बता रहे हैं।

1. ब्रेन पर असर


सिगरेट पीने का इसका सीधा असर आपके दिमाग पर पड़ सकता है, जिसकी वजह से आपकी याद धुंधली पड़ सकती है साथ ही आपकी चीजों को समझने की शक्ति पर भी बुरा असर पड़ सकता है। कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च के अनुसार, सिगरेट पीने से दिमाग का कॉर्टेक्स वाला हिस्सा पतला होने लगता है। कॉर्टेक्स दिमाग की बाहरी सतह बनाता है, इसके पतला होने से लोगों की सोचने की शक्ति पर असर पड़ना शुरू हो जाता है। प्रोफ़ेसर शेरिफ के अनुसार रिसर्च से यह भी सामने आया कि अगर व्यक्ति सिगरेट पीना बंद कर दे, तो कुछ ही महीनों में कॉर्टेक्स के कमजोर होने की प्रक्रिया रुक जाती है। दिमाग नए सिरे से अपनी बाहरी सतह को दुरुस्त करने के कार्य में जुट जाता है।

2. मुंह पर असर

इसमें मौजूद केमिकल्स मुंह की लार सूखने लगती है, इससे मुंह से बदबू आने जैसे प्रॉब्लम्स पैदा जाती है। जब आप सिगरेट जलाते हैं, तो माचिस या लाइटर और सिगरेट दोनों का धुआं मिलकर नाक की बाहरी परत को डैमेज कर देता है। सिगरेट की हीट से मुंह, चेहरे और नाक की स्किन पर असर पड़ता है। होंठ काले होते हैं और झुर्रियां पड़ने लगती हैं। जब सिगरेट का धुआं मुंह में जाता है, तो वह दांतों के एनामल पर जमा होकर उन्हें पीला करने लगता है। यह धुआं और इसकी हीट मुंह के अंदर की नाजुक स्किन को भी डैमेज करने लगती है। दांतों के बीच की कैविटी में टार जमने लगता है।


सिगरेट के धुएं में मौजूद टार आपके टेस्ट बड्स और सैलाइवा के ग्लैंड्स को ब्लॉक कर देता है। मुंह में लार कम बनती है और इसी वजह से मुंह सूखने लगता है। टार और केमिकल्स मुंह और नाक को जोड़ने वाली नली में जमने लगते हैं। इससे ब्रीदिंग प्रॉब्लम हो सकती है। स्मोकिंग से मुंह के गुड बैक्टीरिया मर जाते हैं और मुंह से बदबू आने लगती है। सिगरेट का धुआं और हीट मसूड़ों को भी काला बना देता है। मसूड़ों का कैंसर तक हो सकता है।

3. फेफड़ों पर असर

सिगरेट का धुआं रेस्पिरेटरी सिस्टम में जमा होने लगता है। इससे ब्रॉंकाइटिस, अस्थमा जैसी प्रॉब्लम हो सकती है। सिगरेट के धुएं में मौजूद टार फेफड़ों में जमा होकर ब्लॉकेज पैदा करता है। इससे थकान, ब्रीदलैसनेस, सीटी जैसी आवाज आने लगती है। सिगरेट के धुएं में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड गैस ब्लड में ऑक्सीजन लेवल कम कर देती है। इससे शरीर के सभी अंगों को नुकसान होता है। सिगरेट का धुआं जब आप इन्हेल करने के बाद वापस छोड़ते हैं, तो यही प्रोसेस फिर से होती है और नुकसान डबल हो जाता है।

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4. हार्ट पर असर

सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादों में करीब चार हजार तरह के केमिकल्स होते हैं। प्रतिदिन सिगरेट पीने से 30 दिन के भीतर ही BP में फ्लक्चुएशन शुरू हो जाता है इसमें मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड और टार जैसे जहरीले पदार्थ शरीर के भीतरी अंगों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। सिगरेट पीने से हार्ट अटैक का खतरा सामान्य व्यक्ति के मुकाबले दोगुना हो जाता है। हृदय की कई बीमारियों से व्यक्ति ग्रसित हो सकता है। हृदय की धमनियां पतली हो जाती हैं और उनसे होकर खून का बहना मुश्किल होने लगता है। इस वजह से भविष्य में स्ट्रोक और हार्ट अटैक की आशंका बढ़ सकती है।

5. आँखों पर असर

सिगरेट में मौजूद तंबाकू में कई ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। धूम्रपान करने वालों की आंखों को तंबाकू के जहरीले धुएं में मौजूद रसायनों से कंजक्टिवा के ग्लोबलेट सेल्स क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। जिनके कारण आंख की सतह पर नमी बनी रहती है। इसी तरह धुएं में मौजूद कार्बन पार्टिकल्स पलकों पर जमा हो सकते हैं। इसके कारण आंखों की नमी और गीलापन खत्म हो सकता है।



अगर लंबे समय तक धूम्रपान करते हैं, तो आपकी आंखों में खुजली के अलावा नजर में धुंधलापन जैसी समस्या भी हो सकती है। साथ ही आपकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है। एक शोध के अनुसार धूम्रपान करने वाले लोगों को दूसरों के मुकाबले मैक्युलर डीजनरेशन का खतरा दोगुना रहता है। यही वजह है, कि धूम्रपान करने वालों में दूसरों के मुकाबले मोतियाबिंद होने का खतरा अधिक होता है।

6. हड्डियों पर असर


धूम्रपान करना सेहत के लिए खतरनाक है और इससे कैंसर होने का खतरा रहता है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं, कि धूम्रपान से रीढ़ की हड्डी पर भी बुरा असर पड़ता है। सिगरेट में मौजूद निकोटिन बॉडी में एस्ट्रोजन हार्मोन के इफेक्ट को कम करने लगता है इससे हड्डियां कमजोर होने लगती है यदि महिलाएं सिगरेट पीती हैं, तो उनके लिए यह खतरनाक होगा। खासकर हड्डियों के मामले में।

7. किडनी पर असर


शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हर किसी की किडनी का सही तरीके से काम करना बहुत ज़रूरी होता है, लेकिन आज के समय में बहुत सारे व्यक्ति ऐसी हानिकारक चीजों का सेवन करते हैं। जिसके कारण से उनकी किडनी को बेहद नुकसान पहुंचता है और किडनी धीरे-धीरे खराब होने लगती है। उनमें में से एक धूम्रपान करना धूम्रपान आपके फेफड़ों और दिल ही नहीं, बल्कि गुर्दे के लिए भी खतरनाक है। हाल ही में एक अध्‍ययन में यह बात सामने आई, कि धूम्रपान नहीं करने वाले पुरुषों की तुलना में धूम्रपान करने वाले पुरुषों के किडनी की कार्यक्षमता में एक तिहाई कमी आती है। इस अध्ययन के अनुसार प्रतिदिन एक पैकेट से अधिक सिगरेट पीने से किडनी के गंभीर रूप से खराब होने के खतरे को 51% तक बढ़ाता है। इसके आलावा सिगरेट बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन को कम करता है।

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