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छोटी-छोटी बातों पर लेते हैं टेंशन छोड़ दीजिए, नहीं तो होंगे ये 7 नुकसान

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व्यस्त जीवनशैली की वजह से कई लोग टेंशन का शिकार हो जाते हैं। इसके कारण शरीर में कुछ ऐसे हॉर्मोन्स बनने लगते हैं जो शरीर पर बुरा असर डालते हैं। अगर हम रेग्युलर कई घंटों तक टेंशन में रहते हैं, तो इसका सेहत पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है। हम आपको टेंशन लेने से बॉडी पर होने वाले 8 बुरे असर के बारे में बता रहें हैं।

1. हाई BP  

ज़्यादा टेंशन लेने के कारण हाई BP की आशंका बढ़ जाती है। तनाव में शरीर की ब्लड सेल्स सिकुड़ जाती हैं और दिल की धड़कन बढ़ जाती है। ऐसे में रक्त प्रवाह का तेज़ होना स्वाभाविक है, जिससे व्यक्ति का ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। अगर सही समय पर इसे नियंत्रित न किया जाए तो यही समस्या हृदय रोग का कारण भी बन जाती है।

2. हार्ट डिजीज  

इस की स्थिति में शरीर अड्रेनलिन हॉर्मोन्स रिलीज करता है इससे सांस की रफ्तार से लेकर हार्ट रेट तक बढ़ जाती है। साथ ही में ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। इस स्थिति में शरीर कॉर्टिसॉल नाम का हॉर्मोन भी रिलीज करता है ताकि स्ट्रेस से निपटा जा सके। लगातार स्ट्रेस के कारण अड्रेनलिन और कॉर्टिसॉल का बार-बार ज्यादा रिलीज होना ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल आदि को बुरी तरह प्रभावित करता है, इससे दिल में पंप होने वाले खून व उसे पहुंचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा प्रभावित होती है। इस दबाव के पड़ने से दिल की नर्व्स या तो बहुत ढीली पड़ जाती हैं या फिर कड़क हो जाती हैं। टेंशन के कारण BP बढ़ जाता है जो सीधा हार्ट पर असर डालता है। इससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।

3. नींद न आना  

टेंशन बढ़ने से ब्रेन में कॉर्टिसोल हार्मोन रिलीज होने लगता है। इसके कारण नींद न आने की प्रॉब्लम हो सकती है एक अध्धयन में बताया गया है कि टेंशन, तनाव आपके ब्रेन के आकार को प्रभावित करता है और उसे छोटा बनाता है। इसके साथ ही एक दूसरी स्टडी की बात करते हैं, जो यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया द्वारा की गयी। इस स्टडी के मुताबिक लगातार स्ट्रेस में रहने से दिमाग में बदलाव आता है और ये एंग्जायटी जैसे डिसऑर्डर को बढ़ावा देता है।

4. सिरदर्द  

जब स्थितियां प्रतिकूल होती हैं, तो ब्रेन को एडजस्टमेंट के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे व्यक्ति को स्ट्रेस होता है। तनाव से लडऩे के लिए ब्रेन से कुछ खास तरह के केमिकल्स का सिक्रीशन होता है और उसकी नव्ज सिकुड़ जाती हैं, जिससे व्यक्ति को अस्थायी लेकिन तेज़ सिरदर्द या माइग्रेन जैसी समस्याएं हो सकती हैं और लम्बे समय तक टेंशन लेने से सिरदर्द की प्रॉब्लम होती है।

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5. मसल्स पेन  

हमारे शरीर में 3 तरह की मसल्स पाई जाती है। जिन्हें स्केलेटल मसल्स, कार्डियक मसल्स और स्मूथ मसल्स के नाम से जाना जाता है। ये मसल्स बॉडी के अलग-अलग हिस्सों में होती हैं। स्केलेटल मसल्स हड्डियों से जुड़ी होती है। वही कार्डियक मसल्स हार्ट की दीवारों पर पाई जाती हैं और स्मूथ मसल्स बॉडी के ऑर्गन्स जैसे स्टमक, यूटेरस और ब्लैडर में पाई जाती है।ज़्यादा टेंशन लेने से मसल्स में खिंचाव और दर्द हो सकता है।

6. थकान 

टेंशन में रहते हुए काम करने से बहुत जल्दी थकान होने लगती है आज के समय में यह समस्या हर दूसरे व्यक्ति को होती है। परिवार व ऑफिस को लेकर यह छोटी-छोटी चीजों को लेकर व्यक्ति काफी कुछ सोचता है। एक व्यक्ति हर समय हल्की थकान महसूस करता है और 10 में से एक लंबे समय तक रहने वाली थकान से परेशान रहता है। कई लोगों में थकान कभी न खत्म होने वाली समस्या बन जाती है, इससे उनके जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। थकान की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा होती है। थकान कई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कारणों से होती है।

7.  हेयर फॉल  

भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग खुद पर ध्यान देने में इतना वक्त नहीं लगाते जितना वो टेंशन और स्ट्रेस में गुजारते हैं और इसका सीधा असर उनकी हेल्थ के अलावा बालों पर भी पड़ता है। बालों की ग्रोथ के लिए उन्हें जरूरी पोषण चाहिए, जो उन्हें नहीं मिलता और इस वजह से कुछ वक्त बाद वो झड़ना शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा, बालों के झड़ने की वजह शरीर में मिनरल की कमी भी हो सकती है। लम्बे समय तक टेंशन लेने से स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होने लगता है। इससे बाल झड़ने की प्रॉब्लम हो सकती है।

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