Home Healthy Lifestyle गर्मी में हो सकती हैं ये 6 बीमारियां, ऐसे रखें ध्यान

गर्मी में हो सकती हैं ये 6 बीमारियां, ऐसे रखें ध्यान

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गर्मी का मौसम धूप और उमस से भरा तो होता ही है, साथ ही यह मौसम कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है।इसमें होने वाली कुछ बीमारियां तो सामान्य होती हैं, जिनका इलाज आसानी से हो जाता है, लेकिन कुछ बेहद गंभीर होती है। इनमें जरा सी लापरवाही करने पर ये जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। हम आपको गर्मी में होने वाली ऐसी ही 6 बीमारियों के बारे में बता रहे हैं।

1. हीट स्ट्रोक

हीट स्ट्रोक आमतौर पर तब होता है जब शरीर में पानी और नमक की मात्रा कम हो जाती है और पसीना आना भी बंद हो जाता है। सामान्य लक्षणों में घबराहट, बेचैनी, मतली, दौरे, बेहोशी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं कभी-कभी इंसान कोमा में भी चला जाता है। बेहोशी को पहला लक्षण माना जा सकता है। हीट स्ट्रोक अत्यधिक तापमान में लंबे समय तक रहने के कारण होता है और इसे तत्काल इलाज की जरूरत होती है।

हीट स्ट्रोक से ऐसे बचें

  • शुगर का कम इस्तेमाल करें।
  • धूप में निकलने से बचें, अगर बाहर जाते हैं, तो सिर ढक कर ही निकले।
  • इस दौरान खूब पानी पिए, साथ ही नींबू पानी भी पिए।
  • हल्के रंग के ढीले-ढाले कपड़े पहनें।
  • लस्सी या छाछ भी पिए।
  • बाहर निकलते समय छाते, टोपी या कपड़े से खुद को ढंकें।

2. डिहाइड्रेशन

गर्मी में शरीर से पानी की कमी के कई कारण डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है, ऐसे में चक्कर आना, थकान, कमजोरी या सिरदर्द जैसी प्रॉब्लम हो सकती है। हमारे शरीर के वजन के 70 प्रतिशत हिस्से में पानी है। इस लिहाज से हम यह सोच सकते हैं, कि स्वस्थ रहने के लिए पानी हमारे लिए कितना जरूरी है। अगर शरीर में पानी की कमी हो जाए तो उसे डिहाइड्रेशन कहा जाता है। खासकर गर्मी में होने वाली यह समस्या कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है।

डिहाइड्रेशन से ऐसे बचें

छाछ या लस्सी एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक है। यह मिनरल्स जैसे पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर है। इसका नियमित सेवन करने से शरीर को नियमित रूप से पानी मिलता रहता है, जिसके कारण  डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती। अगर आपको डिहाइड्रेशन की समस्या है तो आपको दिन में तीन से चार बार जरूर लेना चाहिए। दिनभर में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पिएं। साथ ही फ्रूट जूस भी ले सकते हैं।

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3. फूड प्वाइजनिंग

फूड प्वाइजनिंग बासी खाने या खराब पानी के कारण हो सकती है। फूड प्वाइजनिंग में बैक्टीरिया, विषाक्त पदार्थ, पैरासाइट्स या केमिकल्स दूषित भोजन या पानी खाने या पीने के कारण होने वाली बीमारी है। फूड प्वाइजनिंग में जहरीले, रासायनिक या संक्रामक एजेंट जैसे बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट या खाद्य पदार्थ युक्त भोजन शरीर में प्रतिकूल लक्षण पैदा कर प्वाइजनिंग करते हैं। ऐसे में बॉडी पेन, कमजोरी, बुखार, उल्टी, लूज मोशन या चक्कर आना जैसी प्रॉब्लम हो सकती है।

4. फूड प्वाइजनिंग से ऐसे बचें

1. खाना बनाने से पहले कच्ची सब्जियों को अच्छे से धोना चाहिए, ताकि इन सब्जियों पर मौजूद बैक्‍टीरिया साफ हो जाए। फूड प्‍वाइजनिंग से बचाव के लिए सब्जियों को धोना काफी फायदेमंद रहता है।

2. फूड प्रोडक्ट को हमेशा एक्सपायरी डेट देखकर ही खरीदना चाहिए। कभी भी एक्सपायर फूड प्रोडेक्ट को न खरीदें। इससे फूड प्‍वाइजनिंग हो जाने की संभावना ज्यादा रहती है।

3. गर्मियों के मौसम में अपने हाथों को जितना साफ रख सकेंगे, फूड प्‍वाइजनिंग का खतरा उतना ही कम होता जाएगा। ऐसे में खासकर खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद जरूर हाथों को साफ करना चाहिए। इसके अलावा टॉयलेट से आने के बाद, घर पर अगर पालतू जानवर हैं, तो उनको छूने के बाद भी हाथों को अच्छे से धोना चाहिए।

4. बाहर का तला हुआ खाना अवॉइड करें। घर में ताज़ा खाना ही खाए और साफ़ पानी पिएं।

5. पीलिया

गर्मी में लोगों को अक्सर पीलिया होने का खतरा बना रहता है। गर्मी में गंदा खाना खाने से, गंदा पानी पीने से या वायरल इन्फेक्शन ये सब इसके प्रमुख कारण है। पीलिया सामान्यत: लीवर में संक्रमण की वजह से होता है। लीवर के संक्रमण से शरीर में बिलरु बिन की मात्रा ज्यादा बनने लगती है, जिसकी वजह से नाख़ून, यूरिन, स्किन और आंखें पीली हो जाती हैं।

पीलिया से ऐसे बचें

  • साफ और उबला हुआ पानी पिएं।
  • बाहर का खाना अवॉइड करें।
  • हमेशा ताजा खाना खाएं।
  • दूसरों का जूठा न खाएं। यह बीमारी दूसरे को भी संक्रमित करती है।
  • साफ-सफाई पर ध्यान दें।
  • कोई समस्या हो तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।
  • पीलिया में लीवर पर असर पड़ता है, इसलिए शराब का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए।

6. टायफाइट

टायफाइड एक प्रकार का बुखार है, जो गर्मी में वायरल इन्फेक्शन या दूषित पानी से नहाने या दूषित पानी का प्रयोग भोजन करने से होता है। यह सेलमोनेला टायफाई बैक्टीरिया द्वारा फैलता है। यह बैक्टीरिया खाने या पानी के जरिए मनुष्य द्वारा ही एक जगह से दूसरी जगह पर अन्य लोगों तक पहुंचता है। वैसे कई बार मौसम में बदलाव भी इस बुखार का कारण बन सकता है। इतना ही नहीं, अगर घर में किसी एक सदस्य को टायफायड होता है, तो अन्य सदस्यों को भी इसके होने का खतरा होता है। इसलिए बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।

टायफाइट से ऐसे बचें

  1. साफ−सफाई का विशेष ध्यान रखें। कुछ भी खाने से पहले या बाद में, शौचालय जाने के बाद हाथ अवश्य धोएं। भोजन को ढककर रखें और साफ पानी का ही प्रयोग करें।
  2. कई बार दरवाजों के हैंडल, टेलीफोन व नल में होने वाली गंदगी के कारण भी टायफायड फैलता है।
  3. यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने का डर बना रहता है, इसलिए अगर मरीज घर पर हो, तो उसे अन्य व्यक्तियों से थोड़ा दूर ही रखें।
  4. बाहर का पानी और खाना अवॉइड करें।

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