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क्या रात को नींद नहीं आती तो हो सकती है ये बीमारी

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आजकल ज़्यादातर लोगों की जीवनशैली इतनी व्यस्त हो गयी है, कि खाने और सोने का कोई समय निर्धारित नहीं रह गया है। हम सभी को बेहतर लाइफ के लिए प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की भरपूर और अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी होता है। नींद न आना भी एक ऐसा रोग है, जो आपके जीवन पर काफी विपरीत प्रभाव डाल सकता है। नींद न आने के कुछ प्रमुख कारणों के बारे में हम आपको बताते हैं।

क्या है? इन्सोमनिया

अधिक देर तक सोने की आदत को अच्छा नहीं माना जाता है, लेकिन अगर नींद ना आने की बीमारी हो जाये तो इससे निपटना आसान नहीं होता है। इसे अनिद्रा या इन्सोमनिया कहते हैं। अनिद्रा या इन्सोमनिया नींद न आने की यह एक ऐसी बीमारी है, जो हमारी नींद को बहुत प्रभावित करती है। यदि आप सो रहे हैं और एकदम अचानक से आपकी नींद खुल जाती है, और फिर जब एक बार जब आप जागते हैं, तो अनिद्रा की वजह से वापस नींद आने में या सोने में काफी समस्या होती है। यह विकार नींद न आने के कारण पूरे दिन के लिए आपको थका देता है और आपकी ऊर्जा का स्तर, स्वास्थ्य, मनोदशा, काम के प्रदर्शन और जीवन की गुणवत्ता को कमजोर कर देता है।

कितने प्रकार का है इन्सोमनिया?

 

इन्सोमनिया दो प्रकार के होते हैं।

1. प्राइमरी इन्सोमनिया

अनिद्रा का यह एक ऐसा विकार है, जो आपको आपके तनावपूर्ण जिंदगी, काम का अधिक भार और काम में बदलाव की वजह से आपकी नींद पर इसका बहुत ज़्यादा दुष्प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण नींद पूरी नहीं हो पाती है, लेकिन अगर इस समस्या का समाधान किया जाए तो इस समस्या को पूरी तरह से समाप्त हो सकती है।

2. सेकंडरी इन्सोमनिया

प्राइमरी इन्सोमनिया की तुलना में सेकंडरी इन्सोमनिया को अधिक खतरनाक माना जाता है। यह किसी मेडिकल साइड इफ़ेक्ट की वजह से भी हो सकता है, जैसे कि

  • डिप्रेशन (अवसाद)
  • माइग्रेन, गठिया जैसे गंभीर दर्द
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या जैसे हार्ट में जलन (heartburn)
  • अल्जाइमर रोग

क्यों होता है इन्सोमनिया?

अनिद्रा के सबसे मुख्य कारण भावनात्मक समस्याएं जैसे तनाव, एंग्जाइटी और अवसाद हैं, लेकिन आपकी दिनचर्या और आपका शारीरिक स्वास्थ्य भी इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अवसाद, उच्च रक्तचाप (हाई बीपी), हाइपरथायरॉइडिज्म के इलाज के लिए ली जाने वाली दवाइयां भी अनिद्रा का कारण बन सकती हैं। गर्भ निरोधक गोलियां और कार्टिकोस्टेरॉयड भी अनिद्रा का कारण हो सकती हैं। अधिक कैफीन और अधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन भी अनिद्रा की समस्या को अधिक बढ़ा सकता है और देर रात तक इंटरनेट चलाने या टीवी देखने से भी सोने में समस्या या अनिद्रा की शिकायत होती है।

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अधिकतर हर उम्र के लोग नींद न आने की समस्या से परेशान हो रहे हैं, जिसकी वजह से दिनचर्या तो बिगड़ती ही है साथ ही साथ कई तरह की अन्य बीमारियां भी लोगों को अपना शिकार बना लेती हैं। इस समस्या को अनिद्रा या इन्सोमनिया कहा जाता है। हम आपको इन्सोमनिया के कुछ संकेतों के बारे में बताते हैं।

1. रात को नींद न आना

शोध के अनुसार 93% लोग नींद न आने की प्रॉब्लम से परेशान हैं और 58% लोगों के रुटीन पर नींद पूरी न होने का इफेक्ट सीधा पड़ता है।’ नींद दो तरह की होती है। गहरी नींद यानी नॉन पिड आई मूवमेंट स्लीप और कच्ची नींद, जिसे सपनों वाली नींद भी कहते हैं।

अगर नॉन पिड आई मूवमेंट स्लीप 5 घंटे की भी आ जाए, तो बॉडी रिलैक्स हो जाती है, लेकिन कच्ची नींद भले ही 8 घंटे की हो, वह बॉडी को रिलैक्स नहीं करती है। वह बताती हैं कि आमतौर पर नींद न आने की वजह होती हैं टेंशन और डिप्रेशन।’ इसके अलावा, लाइफस्टाइल और बॉडी पेन भी नींद न आने की वजह बनता है। दरअसल, सही तरह से नींद न आना कई बीमारियों की वजह बन सकती है।

2. पूरे दिन थकान महसूस होना

अगर आप सुबह उठकर फ्रेश महसूस नहीं करते बल्कि ज्यादा देर सोने के बावजूद थकान महसूस करते हैं, तो आपको स्लीप एप्निया की प्रॉब्लम हो सकती है। स्लीप एप्निया वो बीमारी है जिसमें नींद के दौरान कुछ पलों के लिये आपकी सांस रुक जाती है। स्लीप एप्निया की गंभीर स्थिति में एक रात में एक दर्जन या फिर सैकड़ों बार भी आपकी सांस थोड़ी देर के लिये रुक सकती है। जिसके कारण आप घबरा कर उठ जाते हैं और फिर सांस लेना शुरु करते हैं। 

खर्राटे लेने वालों के लिये स्लीप एप्निया एक आम समस्या है। खर्राटों के साथ शुरु होने वाली स्लीप एप्निया की बीमारी के चलते सुबह उठने के बाद थकान और कमज़ोरी महसूस होती है। इसके कारण दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक तक हो सकता है और इसको लेकर बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिये।

 

3. काम पर कॉन्सनट्रेशन न हो पाना

रात में ठीक से न सो पाने से आप दिनभर सुस्त व आलस जैसी परेशानी होती है और ठीक से किसी भी काम पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। पर्याप्त नींद के अभाव में स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। जो लोग नाइट शिफ्ट की जॉब करते हैं, उन्हें हमेशा कोई न कोई स्वास्थ्य से संबंधित समस्या बनी ही रहती है। नींद की कमी से धुंधला दिखना, डबल दिखना या ऑब्जेक्ट का थोड़ा-सा ही हिस्सा देख पाना जैसी समस्याएं होने लगती हैं और दृष्टि भ्रम जैसी समस्या भी हो सकती है।

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