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अगर आपको भी होता है मसल्स पेन, तो हो सकती है इसकी कमी

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हर 3 में से 2 व्यक्तियोें में मैग्नीशियम की कमी होती है। जिसकी वजह से कई प्रकार की स्वास्थ संबंधी समस्याऐं होने लगती हैं। मांसपेशियों में अचानक व अनचाही जकड़न महसूस होने लगती है। भारत में भी अधिकतर लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। यदि सही समय पर इन 8 संकेतों को पहचान लिया जाए, तो इस समस्या से बचा किया जा सकता है और कुछ जरूरी चीजों को डाइट में शामिल करके इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है।

1. मसल्स पेन होना

यदि आपको लगातार या बार-बार मांसपेशियों में खिंचाव सा प्रतीत होता है, तो इसकी एक वजह मैग्नीशियम की कमी हो सकती है। मैग्नीशियम की कमी होने पर धमनियों के साथ मसल्‍स के फंक्शन ठीक तरह से कार्य नहीं करते हैं, जिसकी वजह से मसल्‍स में खिंचाव आने लगता है। अगर प्रेग्नेंसी में पैरो में दर्द हो रहा है, तो इसका एक कारण शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो सकती है। इस समस्या को मैग्नीशियम युक्त फूड का सेवन करके ठीक किया जा सकता है।

2. तेजी से बाल झड़ना  

आज के समय में लगभग हर दूसरा व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित है। हर व्यक्ति के बाल झड़ने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। सिर की त्वचा में रक्त का संचार सही तरीके से ना होने के कारण या मैग्नीशियम की कमी के कारण भी बाल गिरने लगते हैं। अधिक समय तक बालों का झड़ना गंजेपन की वजह बन सकता है। आपके आहार में पोषक तत्वों की कमी भी बालों के गिरने और झड़ने लगते है।

3. जोड़ों में दर्द होना

शरीर में मैग्‍नीशियम पर्याप्‍त मात्रा होना बेहद आवश्‍यक होता है। शरीर में 50 प्रतिशत से भी ज्यादा मैग्नीशियम हड्डियों में पाया जाता है। मैग्‍नीशियम की कमी होने पर हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। आपको यह तो जानते ही होगें, कि हड्डियों को हेल्‍दी रखने के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी होता है, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि हड्डियों की सेहत के लिए मैग्‍नीशियम भी उतना ही जरूरी होता है। कैल्शियम अवशोषण को सही रखने के लिए विटामिन डी के लिए मैग्नीशियम जरुरी होता है।

4. कमजोरी फील होना  

सेल्‍स में एटीपी एनर्जी का उत्पादन करने के लिए मैग्नीशियम का पूर्ण मात्रा में होना जरुरी होता है। एडीनोसिन ट्राइफॉस्फेट (एटीपी) सेल्‍स में एनर्जी का लेवल बढ़ने का मुख्य स्रोत होता है। मैग्नीशियम का लेवल कम होने पर सेल्‍स से एनर्जी का उत्पादन सही से नहीं पाता है, जिसके कारण शरीर में थकावट, एनर्जी की कमी आदि कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। मैग्नीशियम की कमी से आपको एनर्जी की कमी महसूस होगी। आपको आराम करने के बाद भी थकावट लगती रहेगी। अगर ज्यादा काम न करने से भी आपको इस तरह का लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको अपने मैग्नीशियम लेवल की जांच अवश्य करवानी चाहिए।

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5. ब्लड शुगर लेवल बिगड़ना  

भोजन में मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा आपको डायबिटीज़ के खतरे से बचाती है। हमारे शरीर में मौजूद इंजाइम मैग्नीशियम के साथ मिलकर की शरीर में ग्लूकोज बनाते हैं, मैग्नीशियम की कमी से आपको धमनी संबंधी रोग, डायबिटीज़, अर्थाराईटिस जैसी समस्या हो सकती है। हमारे शरीर में होने वाली एंजाइम प्रतिक्रिया के लिए मैग्नीशियम जिम्मेदार है। इसकी कमी से शरीर की विभिन्न प्रक्रियाओं पर भी इसका असर पड़ता है।

6. घाव देर से भरना  

कई बार पैरों पर होने वाले घाव जल्दी नहीं भर पाते हैं, इस घाव को ठीक होने में काफी अधिक समय लग जाता है और घाव में से खून भी निकलता रहता है उसके साथ ही साथ बहुत दर्द भी होता है। जिसकी एक मुख्य वजह मैग्‍नीशियम की कमी हो सकती है। शरीर में मैग्‍नीशियम की कमी हो जाने पर घाव देरी से भरते हैं, क्‍योंकि कोलेजन फाइबर सही से नहीं बन पाते हैं।

7. स्किन इन्फेक्शन होना  

शरीर में मैग्‍नीशियम की मात्रा कम हो जाने पर त्‍वचा भी कई समस्‍याओं से ग्रसित हो जाती है। त्वचा को जानना व समझना बेहद जरूरी है। शरीर में सूजन व दर्द का सबसे पहला असर त्वचा पर साफ़-साफ़ नजर आने लगता है, जो चेहरे पर लाल दानों, ब्लैकहेड्स, व्हाइटहेड्स और गांठ के रूप में दिखाई देती हैं। ये समस्याएं शरीर में मैग्‍नीशियम की कमी व हार्मोनल असंतुलन के कारण होती हैं।

8. ब्लड प्रेशर बढ़ना  

मैग्नीशियम उन पोषक तत्वों में से एक है, जो शरीर के लिए बेहद जरुरी होते हैं। मैग्नीशियम की कमी से शरीर में कई तरह की समस्याएं जैसे भूख न लगना, कमजोरी लगना, थकान महसूस होना, चिड़चिड़ापन और मांसपेशियों में ऐंठन जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। मैग्नीशियम की अधिक कमी होने से हृदय पर भी इसका सीधा असर पड़ता है, हाल ही में एक शोध के मुताबिक डाइट में मैग्नीशियम का नियमित प्रयोग ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। यह शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को धीरे-धीरे घटाता है। खून पतला होने के कारण रक्तसंचार सामान्य होता है, जिससे ब्लड प्रेशर में सुधार होने के साथ हृदय रोगों की आशंका कम होती है।

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मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, नट्स, पालक, कद्दू के बीज, फलियां, सोया मिल्क या पनीर, पीनट बटर, एवोकाडो, आलू, ब्राउन राइस शामिल करें। इसके अलावा आप मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए ब्राउन ब्रैड, दही और ओट्स का सेवन भी कर सकते हैं।