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पेट के इन 9 हिस्सों के दर्द को हल्के में न लें, हो सकती हैं ये सीरियस प्रॉब्लम

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कभी-कभी ज़्यादा खाने पीने या गैस की वजह से पेट में दर्द होना एक सामान्य बात हो सकती है, लेकिन अगर बिना किसी वजह के आपके पेट में इन हिस्सों में दर्द हो रहा है, तो यह दर्द आपको किसी सीरियस बीमारी की तरफ इशारा करती है। जानिए पेट के ऐसे 9 हिस्सों के दर्द के बारे में जो किसी न किसी बीमारी का संकेत हो सकते हैं।

अगर किसी व्यक्ति को पेट के इस हिस्से में अक्सर दर्द होता रहता है, तो उसे समझना चाहिए की इस हिस्से में पेट के इस हिस्से का दर्द स्टमक अल्सर गॉलस्टोन जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है। यह पेट में अल्सर (पेप्टिक अल्सर) होने का लक्षण है। यह बैक्टीरियल इंफेक्शन या कई बार लगातार पेन किलर दवाएं लेने के कारण होता है। अक्सर खाना खाने के तुरंत बाद या दो घंटे बाद या फिर भूखे रहने पर यह दर्द होता है।

पेट के इस हिस्से का दर्द हर्निया, गैस्ट्रिक एसिड, स्टमक अल्सर, खराब डाइजेशन या गॉलस्टोन जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है। इसके पीछे मासिक धर्म व मूत्राशय से सम्बंधित समस्या होती हैं। वैसे पेट के निचले हिस्से में दर्द का हम सही अंदाज़ा नहीं लगा सकते लेकिन इतना कह सकते हैं, कि मूत्राशय में इन्फेक्शन के वजह से भी यह दर्द बना रहता है।

पेट के इस हिस्से का दर्द स्टमक अल्सर, पेन्क्रिएटाइटिस या बाइल डक्ट ऑब्सट्रक्शन जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है। कुछ लक्षण पेन्क्रिएटाइटिस की ओर भी इशारा करते है, जिसका कारण अधिक शराब पीना है। कई सालों तक शराब पीने से धीरे-धीरे पेन्क्रियाज प्रभावित होता है। शुरुआती चरणों में लक्षण सामने नहीं आते लेकिन कुछ सालों के बाद यह दर्द महसूस होता है। ऐसे में एल्कोहल से दूरी बनाएं और शरीर में पानी की कमी न होने दें।

पेट के इस हिस्से में दर्द होना किडनी स्टोन (पथरी) या यूरिन पाइप में की ओर इशारा करती है। अक्सर कई लोग पेट के इस हिस्से की तरफ दर्द होने पर उलटी सीधी दवाई ले लेते हैं, परंतु उसके बाद भी आराम नहीं मिलता है, क्योंकि उन्हें यह मालूम ही नहीं होता हैं, कि पेट के इस हिस्से में दर्द किस वजह से हो रहा हैं।

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पेट के इसे हिस्से का दर्द अपेंडिक्स, बड़ी या छोटी आंत में सूजन का संकेत हो सकता है। इस रोग में सूजन बड़ी आंत के सभी हिस्सों और गुदा भाग में पहुंच जाती है। रोगी को मल त्यागने में परेशानी होती है। मल दिन में 6 से 8 बार आता है लेकिन उसके बाद भी बार-बार शौच जैसा अनुभव होता है। कई लोगों को कब्ज की शिकायत रहने लगती है। इस रोग में पोषक तत्वों का सही से अवशोषण नहीं हो पाता है जिसके कारण मरीज का वजन घटने लगता है और कमजोरी रहने लगती है।

पेट के इस हिस्से का दर्द किडनी स्टोन, कब्ज़ या बड़ी आंत में सूजन का संकेत हो सकता है। आंतों की सूजन जिसे आईबीडी (इनफ्लेमेटरी बाउल डिजीज) कहते हैं एक गंभीर बीमारी है। यह खराब डायट, फिजिकल वर्क में कमी, धूम्रपान, विटामिन डी की कमी, ज्यादा एलोपैथिक, दवाईयां, वायु प्रदूषण, तनाव, गरिष्ठ भोजन इसके अलावा हानिकारक बैक्टारिया भी आंतों को नुकसान पहुंचाती है।

पेट के इस हिस्से में पेल्विक प्रॉब्लम अपेंडिक्स या हर्निया ये समस्याएं संक्रमणों के कारण होती है। हर्निया ज़्यादातर उन्हें होता है। जिनको लम्बे समय से खाँसी, कब्ज़ या पेशाब में ज़ोर लगाने की दिक्कत होती है। कई बार नाभि गर्भावस्था के दौरान निकल जाती है और नाभि के आसपास के ऊतक टूट जाते हैं। कभी-कभी अधिक वजन उठाने या अत्यधिक खांसी होने के कारण, पेट पर दबाव बनता है, जिससे महिलाओं में नाभि के पास हर्निया की समस्या हो जाती है।

पेट के इस हिस्से का दर्द बड़ी आंत में सूजन, अपेंडिक्स, यूरिन नली में सूजन जैसी प्रॉब्लम का संकेत हो सकता है।अपेंडिक्स की समस्या 10 से 30 साल तक के लोगों को ज्यादा होती है। इसका कारण गलत खान-पान और लाइफ स्टाइल है। अपेंडिक्स हमारी आंत का एक छोटा-सा हिस्सा होता है, जिसके दो सिरे होते होते हैं। एक सिरा बंद और एक खुला। अगर कभी खुले सिरे से खाना अंदर चला जाए, तो बंद सिरे से बाहर नहीं आ पाता है। इससे अपेंडिक्स में इंफेक्शन होने लगता है, जिससे धीरे-धीरे पेट में सूजन और दर्द होने लगती है। इसके अलावा यह मूत्रनली में इंफेक्शन या सिस्ट के कारण भी हो सकता है।

पेट के इसे हिस्से का दर्द हर्निया, पेल्विक पेन या गायनोकोलॉजिकल डिसऑर्डर्स जैसी प्रॉब्लम्स का संकेत हो सकता है। महिलाओं की प्रजनन प्रणाली में होने वाले 5 तरह के कैंसरों को गायनेकोलॉजिकल के नाम से जाना जाता है। नाभि के नीचे के हिस्से या लोअर एब्डोमन में होने वाला दर्द, पेल्विक पेन कहा जाता है। आमतौर पर पेल्विक पेन पीरियड्स से जुड़ा होता है। हर 6 में से 1 महिला को पीरियड्स शुरू होने से पहले या उसके दौरान पेल्विक पेन की शिकायत रहती है, जो एक्यूट पेल्विक पेन कहलाता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में पैल्विक दर्द अधिक होता है।

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