Home Healthy Lifestyle वजन कम करने से दूर होंगे ये 8 खतरे

वजन कम करने से दूर होंगे ये 8 खतरे

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बढ़ा हुआ वज़न आज के समय की सबसे प्रमुख समस्याओं में से एक है। इसके कारण कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स भी होने लगती हैं, लेकिन अगर सही समय पर वज़न को कंट्रोल कर लिया जाए तो इन 8 खतरों से बचा जा सकता है।

1. हार्ट डिजीज की आशंका 82% तक घटेगी

मोटापा स्वस्थ जीवन के लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकता है। वज़न बढ़ने के साथ ही हमारे दिल का आकार भी बढ़ जाता है। दिल के आकार के बढ़ जाने से हृदयाघात या फिर स्ट्रोक संबंधी बीमारी का खतरा बना रहता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि वज़न बढ़ने से दिल 8 ग्राम तक भारी हो जाता है, जबकि उसके आकार में 5 % तक की वृद्धि हो जाती है। एक बड़े और भारी दिल का सीधा असर धकड़नों पर पड़ता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बना रहता है। यदि आप अपने वज़न को कम करने की कोशिश करते हैं या वज़न को कम कर लेते हैं, तो 82% तक दिल की बीमारी कम होने की आशंका घटती है।

2. फैटी लिवर डिजीज की आशंका 90% तक घटेगी

हमारे लिवर में जब चर्बी जमा हो जाती है तो उस स्थिति को फैटी लिवर कहा जाता है। जिस तरह मोटे होने पर हमारे शरीर के बाकी हिस्सों पर चर्बी बढ़ जाती है, ठीक उसी प्रकार आपके लिवर में भी फैट जमा होना शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति में लिवर में एकत्रित हुआ, फैट लिवर के नॉर्मल सेल्स को खत्म करना शुरू कर देता है। नॉर्मल सेल्स के धीरे-धीरे कर खत्म होने और लीवर में फैट जमा होने के कारण लीवर में समस्या बढ़ जाती है। यह स्थिति आगे चलकर हेपेटाइटिस, सिरोसिस, फाइब्रोसिस और कैंसर में भी बदल सकती है। इसलिए आपको यह कोशिश करना चाहिए कि आपके शरीर में फैट न बढ़े यदि फैट बढ़ गया है तो उसे कम करने का पूरा प्रयास करें। ऐसा करने से 90% तक फैटी लिवर की आशंका घटेगी।

3. हाइपर टेंशन की प्रॉब्लम 52 से 92% कंट्रोल होगी

 

हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर। यह एक ऐसी बीमारी है जो तेजी से बढ़ रही है और लोग इसे आम समस्या समझते हैं। हाइपरटेंशन एक ऐसी बीमारी जिसमें कोई खास लक्षण नहीं दिखते और यह बिना किसी चेतावनी के आती है इसलिए इसे साइलेंट किलर कहते हैं। हाइपरटेंशन कई कारणों से होता है, जिनमें से कुछ कारण मोटापा व वज़न भी हैं। यदि हम अपने वजन को कम कर लें, तो इस समस्या से बचा जा सकता है और ऐसा करने से हाइपरटेंशन की प्रॉब्लम 52 से 92% तक कंट्रोल हो सकती है।

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4. डायबिटीज़ की आशंका 83% तक कम होगी

डायबिटीज़ या मधुमेह एक ऐसी बीमारी हैं, जिसकी वजह से खून में शुगर (चीनी/शर्करा) की मात्रा बढ़ जाती है। जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज़ कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है, जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। वज़न बढ़ना भी डायबिटीज़ का एक लक्षण माना जाता है। इसलिए कोशिश करें कि वज़न को कंट्रोल में रखें।

5. ज्वाइंट डिजीज की आशंका 41 से 76% घटेगी

 

अधिक वज़न बढ़ जाने के कारण शरीर में कई तरह की समस्याएं आने लगती है। उनमें से एक समस्या ज्वाइंट पेन यानि जोड़ों के दर्द है। जोड़ों की समस्या के चलते पीड़ित दिनभर के काम भी सही तरह से नहीं कर पाता है और सारा दिन दर्द से कराहता रहता है। रोग के बढ़ने पर मरीज को जोड़ों में दर्द, सूजन, अकडऩ और प्रभावित हिस्से में गर्मी का अहसास होता है। यदि आप इस समस्या से बचना चाहते हैं, तो आपको नियमित व्यायाम करना चाहिए और यदि आपका वज़न अधिक बढ़ गया हो तो उसे कम करने का पूरा प्रयास करना चाहिए।

6. नींद न आने की प्रॉब्लम 74 से 98% कम होगी

रात को नींद का न आना अनिद्रा रोग की वजह से हो सकता है। दिनभर की थकान के बाद हर व्यक्ति की यही इच्छा होती है कि उसे अच्छी और भरपूर नींद आए, लेकिन तब काफी तकलीफदेह स्थिति होती है, जब व्यक्ति सोने की भरपूर कोशिश करता है परन्तु नींद नहीं लगती है। इस समस्या को इंसोमनिया भी कहते हैं। इंसोमनिया के कारण वज़न भी बढ़ता है। यह न केवल भूख को उत्तेजित करता है बल्कि इसके कारण कार्बोहाइड्रेट और फैट युक्त आहार लेने की इच्छा बढ़ जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए आपको योग का सहारा लेना चाहिए एवं कुछ ऐसे योगा हैं जिनकी मदद से आप अपने वज़न को भी कम कर सकते हैं।

7. डिप्रेशन की आशंका 55% तक घटेगी

तनाव की गिरफ्त में रहने से वज़न बढ़ने की समस्या हो जाती है। लंबे समय तक तनाव झेलने के बाद आपकी वजन पर इसका असर साफ दिखाई देता है। शोध में बताया गया है, कि तनाव और डिप्रेशन का गहरा संबंध है। दरअसल में तनावग्रस्त व्यक्ति कई बार ओवर ईंटिग का शिकार भी हो जाता है। तनाव की वजह से ज़्यादा खाने से भी वज़न पर असर दिखाई देता है। कई लोग अवसाद से निजात पाने के लिए दवाओं का सहारा लेते है। इन दवाओं के कारण भी आपका वजन 5-7 किलो बढ़ जाता है। इसलिए आप कम से कम दवाओं पर डिपेंड रहें। इसके अलावा अपनी फैमिली के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं एवं एक्सरसाइज करें। जिससे आपको लाभ भी मिलेगा।

8. माइग्रेन का खतरा 57% तक कम होगा

माइग्रेन सिरदर्द की बीमारी है। आमतौर पर यह दर्द आधे सिर में होता है और आता-जाता रहता है, लेकिन कई बार पूरे सिर में दर्द होता है। यह दर्द 2 घंटे से लेकर 72 घंटे तक बना रहा सकता है। एक शोध यह बताया गया है कि मोटापा या ज़्यादा वज़न होने के कारण महिलाओं को माइग्रेन होने का खतरा अधिक रहता है। इस समस्या को कम दूर करने के लिए आपको योगा और ध्यान काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।

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