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ये 8 गलतियां भूलकर भी न करें, ब्रेन को हो सकता है नुकसान

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क्या आप अपने दिमाग की उसी तरह देखभाल करते हैं, जिस तरह से आप अपने शरीर का ख्याल रखते है? उम्र बढ़ने के साथ-साथ याददाश्त का कम होना एक आम बात है, लेकिन अगर आप कम उम्र में ऐसी समस्याओं का सामना करते हैं, तो इसके पीछे एक बड़ा कारण हो सकता है। लोग होश में या अनजाने में अपने दैनिक जीवन में कुछ न कुछ ऐसी गलतियाँ करते रहते है , जिसकी वजह से दिमाग ठीक से काम नहीं कर पाता है और याददाश्त भी धीरे धीरे कम होने लगती है। आगे चलकर ये  इसलिए आज से ही अपनी इन आदतों को बदलें, जो आपके दिमाग को पूरी तरह से कमजोर कर रही हैं। आइए जानते हैं, कि कौन सी 8 गलतियां जिसकी वजह से दिमाग का नुकसान हो रहा हैं।

1. नींद पूरी न लेना 

सेहतमंद दिमाग के लिए हमें सोना बहुत जरूरी है। नींद की कमी से शरीर में बीटा-एमिलॉयड प्रोटीन निकलता है, जिससे अल्जाइमर रोग होने का खतरा भी रहता है। स्वस्थ इंसान को हर दिन कम से कम 7-8 घंटे सोना चाहिए। जिससे आपके दिमाग को भी आराम मिल जाता है और दिमाग अच्छी तरह से काम करता है। लेकिन अगर लोग ऐसा नहीं करते है, तो दिमाग ठीक से काम नहीं करता है। जिससे मस्तिष्क के काम करने की क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है। नींद पूरी न लेने से दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

2. खाने-पीने मे लापरवाही 

खाने-पीने मे लापरवाही करने से शरीर कमजोर होता है और इसका सीधा असर मस्तिष्क पर पड़ता है जिसकी वजह से मस्तिष्क कमजोर हो जाता है, इसलिए नाश्ते और रात के खाने को समय पर स्वस्थ खाद्य पदार्थों को खाना चाहिए। सुबह का नाश्ता नहीं करने से दिमाग सक्रिय नहीं होता है जिसकी वजह से ऑफिस में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते है। नाश्ता न करने से आपके मस्तिष्क में ग्लूकोज की पूर्ति नहीं हो पाती हैं। इस कारण थकान महसूस होंती है और मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचता है।

3. कम पानी पीना

 

पानी को कम पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है, और आपके मस्तिष्क की काम करने की क्षमता को भी प्रभावित करता है जिससे मस्तिष्क प्रतिक्रिया देने में अधिक समय लेता है। यदि आप दिन भर में 8 गिलास से कम पानी पीते हैं, तो डिहाइड्रेशन से दिमाग के ऊतक सिकुड़ सकते हैं। प्यासे लोगों की तुलना में पानी पीने वाले 14 प्रतिशत लोग अच्छी तरह से काम करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप कोई महत्वपूर्ण काम या परीक्षा में बैठते हैं, तो सबसे पहले पानी पी लेना चाहिये, जिससे आप चीजों को भूलते नहीं हो। पानी पीने से मस्तिष्क लंबे समय तक काम कर पाता है।

4. धूम्रपान व गलत आदत 

धूम्रपान आपके जीवन को कम करता है और आपके दिमाग को भी कमजोर करता है। मैकगिल यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन से पता चला है कि धूम्रपान कॉर्टेक्स को प्रभावित करता है, जो आपकी मेमोरी की ताकत और भाषा कौशल के लिए हानिकारक है। धूम्रपान शरीर में कई हानिकारक रसायनों का कारण बनता है। वे रक्त को गाढ़ा बनाते हैं, जिससे मस्तिष्क तक रक्त सही से पहुंचना कम हो जाता है। अगर आप देर रात तक बात करते या जगते हो तो इसका सीधा असर आपके दिमाग पर पड़ता है जो आपके लिए चिंता का विषय हो सकता है।

5. तनाव व आलस

आलसी लोगों का दिमाग कम रचनात्मक और कमजोर होता है क्योंकि वे दिमाग से ज्यादा काम नहीं लेते हैं। जितना अधिक आप अपने दिमाग से काम करेंगे आपका दिमाग उतना तेज और फुर्तीला होगा। हर दिन व्यायाम करने से मस्तिष्क को ऊर्जा मिलती है जिससे  दिमाग ओर बेहतर तरीके से काम करता है। तनाव पूरे शरीर का दुश्मन होता है हमें इससे बचने की कोशिश करनी चाहिए। इसका सबसे बुरा असर दिमाग पर पड़ता है। जब हम स्ट्रैस लेते है, तब कोर्टिसोल का प्रभाव मस्तिष्क की कोशिकाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

6. हेडफोन या ईयरफोन में तेज आवाज में गाने

आपने देखा होगा कि बहुत से लोग केवल तेज आवाज में ही गाने सुनते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहये क्योकि ये बहुत गलत है। कई घंटों तक लगातार हेडफोन या ईयरफोन पर गाने सुनने से दिमाग के टिश्यूज खराब हो जाते है। कान में ईयरफोन लगाकर गाना नहीं सुनना चाहिए। अगर आप गाना सुन रहे हैं तो आपको धीमी आवाज में सुनना चाहिए। अगर फिर भी आप तेज़ आवाज मे गाना सुनते है, तो इससे आपके कान को नुकसान पहुँचता है, साथ ही मस्तिष्क के ऊतकों को भी नुकसान पहुंचता है। यदि आप इसे लगातार करते रहें तो अल्जाइमर की समस्या भी उत्पन्न होती है।

7. मल्टीटास्किंग व अकेले रहना  

यदि आप मानते हैं कि कई काम एक साथ करने से दिमागी शक्ति बढ़ती है, तो आप गलत हो सकते हैं। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग मल्टीटास्किंग करते हैं, उन लोगों की लंबे समय में काम करने की क्षमता कम हो जाती है। कई लोगों की आदत होती है कि उन्हें किसी दूसरे व्यक्ति का साथ मे रहना पसंद नहीं आता। वह अकेले अधिक समय बिताना पसंद करते है। वह ज्यादातर समय अंधेरे मे या घर के अंदर ही बिताते हैं। हृदय रोग (दिल की बीमारी) और उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है।

8. जंक फ़ूड

जैसा कि आप जानते हैं कि आज की युवा पीढ़ी ज्यादातर जंक फूड खाती है। उन्हें घर का बना खाना पसंद नहीं आता है। जंक फूड मस्तिष्क के न्यूरॉन रिसेप्टर्स को नुकसान पहुंचाता है। जंक फूड का अधिक सेवन करने पर सिरदर्द और उल्टी होने लगती है। और धीरे धीरे भूख लगना कम हो जाती है। बाद मे थकान और कमजोरी भी बढ़ जाती है और मस्तिष्क की कार्य क्षमता भी बहुत कम हो जाती है।