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काफी पहले नजर आने लगते हैं डायबिटीज के 12 संकेत, इन्हें न करें इग्नोर

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डायबिटीज़ ऐसी बीमारी है, जो धीरे धीरे इंसान को अंदर से बिल्कुल खोखला कर देती है। डायबिटीज़ कमजोर मेटाबॉलिज्म के कारण होती है, जिसकी वजह से शरीर में सही मात्रा में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। समय रहते हुए यदि इस बीमारी के लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो इसको बढ़ने से रोका जा सकता है। इसलिए हम आपको डायबिटीज़ के शुरुवाती 12 लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं।

1. थकान  


थकान और सुस्ती डायबिटीज़ की शुरुआत का एक प्रमुख लक्षण है। अगर आप हर समय थका हुआ महसूस करते हैं, तो एक बार अपने ब्लड में शुगर लेवल की जांच कराएं। दरअसल जब शरीर में इंसुलिन कम बन पाता है, तो खाने-पीने की चीजों के द्वारा लिया गया शुगर हमें एनर्जी नहीं देता है, बल्कि ब्लड में घुलने लगता है। शरीर में एनर्जी की कमी के कारण ही आप हर समय थका हुआ महसूस करते हैं। हर रोज भरपूर नींद लेने के बाद भी सुबह उठते ही आपको ऐसा लगेगा कि आपकी नींद पूरी नहीं हुई है और शरीर में थकान सी महसूस होगी।

2. यूरिन आना  

डायबिटीज़ के शुरूआत में व्यक्ति के शरीर का यूरिन मात्रा अत्यधिक बढ़ जाता है। यूरिन 6% से 10% बढ़ जाती है। अगर आपको अचानक से जल्दी-जल्दी पेशाब लगने लगी है और पेशाब कम मात्रा में होती है, तो ये भी डायबिटीज़ की शुरुआत के लक्षण हो सकते हैं। दरअसल जब शुगर आपके सेल्स तक नहीं पहुंचता है, तो शरीर इसे पेशाब के रास्ते से निकालने लगता है, जिसके कारण आपके बार-बार पेशाब की समस्या हो जाती है। आमतौर पर दिन में 10 बार से ज़्यादा पेशाब लगे, तो आपको डायबिटीज़ की जांच करवानी चाहिए।

3. प्यास 

यूं तो भरपूर मात्रा में पानी पीना अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन अगर भरपूर मात्रा में पानी पीने के बाद भी आपको पानी पीने की अधिक जरूरत महसूस हो रही है। तो ये चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि यह डायबिटीज़ का लक्षण हो सकता है। डाइबिटीज़ की शुरूआत होने पर बार-बार पेशाब आने की समस्या होने लगती है। जब शरीर में ज्यादा मात्रा में शुगर इकट्ठा हो जाता है, तो यह पेशाब के रास्ते से बाहर निकलता है। जिसके कारण मधुमेह रोगी को बार-बार पेशाब लगने की शिकायत शुरू हो जाती है।

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4. कमजोर आंखें


मधुमेह से ग्रसित लोगों में आजकल डायबिटिक रेटिनोपैथी की शिकायत ज़्यादा देखी जा रही है। जिसमें नज़रें धुंधली होने लगती है और हम इसे अनदेखा करते हैं। रक्त में संचार की समस्या डायबिटिक लोगों में काफ़ी गंभीर हो सकती है, इससे आँखों के ब्लड वेसल्स भी ख़राब हो सकते हैं। अगर इसका इलाज नहीं किया जाए, तो तकलीफ़ मोतियाबिंद, ग्लोकोमा और रोशनी ख़त्म होने तक पहुँच सकती है।

5. वजन कम होना

डायबिटीज़ के आरम्भिक लक्षण में व्यक्ति का वज़न अचानक घटने लगता है या फिर वज़न तेजी से बढने लगता है। एक शोध में पाया गया है, कि डायबिटीज़ का पहला लक्षण वज़न अचानक घटना बढ़ना है। इस तरह की समस्या को इग्नोर न करें। समय-समय पर बॉडी का वज़न चेक करते रहना चाहिए। अगर वज़न में ज़्यादा फर्क हो, तो तुरन्त डाॅक्टर से सलाह लें। इसके आलावा डाइट या एक्सर साइज में बदलाव किए बगैर अचानक वज़न घटने लगे, तो आपको डायबिटीज़ हो सकती है।

6. तेज़ भूख

अचानक भूख बढ़ जाए, बार-बार खाने का मन करे, खाने के कुछ देर बाद ही फिर से भूख लगे, तो आपको डायबिटीज़ हो सकती है। डायबिटीज़ के रोगियों को थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ हल्का खाते रहना चाहिए। एक साथ ज्यादा मात्रा में किसी भी चीज का सेवन करने से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है, लेकिन कम मात्रा में हल्की चीजों का सेवन करने से ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल में रहता है।

7. घाव न भरना


डायबिटीज़ के चलते एक समय के बाद ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित होता है, जिसकी वजह से शरीर का घाव जल्दी नहीं भर पाता है। इसलिए अगर छोटी से छोटी चोट, घाव, छालों को भरने में समय लगता है, तो यह इस बात की चेतावनी है कि अब आपको अपने डायबिटीज़ को कंट्रोल करना चाहिए। साथ ही डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को लगी किसी भी तरह की चोट जल्दी ठीक नहीं होती है। अगर आपकी चोट भी ठीक होने में अधिक समय लेती है, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। दरअसल, जब शुगर का स्तर ज्यादा होता है, तो बैक्टीरिया इंफेक्शन हो जाता है। साथ ही शरीर में खून का सर्कुलेशन धीमा होने से भी चोट जल्दी ठीक नहीं होती है।

8. बीमार रहना 

डायबिटीज़ रोगी के बॉडी में किसी भी तरह का संक्रमण जल्दी से ठीक नहीं होता है। अगर आपको वायरल, खांसी-जुकाम या कोई भी बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाए, तो आपको जल्द ही राहत नहीं मिलेगी। छोटे-छोटे संक्रमण जो आसानी से खुद ठीक हो जाते हैं, वे इस समस्या की वजह से बढे घाव भी बन जाते हैं। डायबिटीज़ के कारण कमजोर हो चुका शरीर बीमारियों से लड़ नहीं पाता, ऐसे में अक्सर कोई न कोई हेल्थ प्रॉब्लम बनी रहती है।

9. झुनझुनाहट-जलन


ब्लड शुगर लेवल के बढ़ने से आपका नर्व सिस्टम ख़राब हो सकता है, यह हाथों और पैरों की तंत्रिकाओं को बर्बाद कर देता हैं, जिसे डायबिटिक पेरिफ़ेरल न्यूरोपैथी के नाम से जाना जाता है। उँगलियों और टखनों में झुनझुनी होना, इस बीमारी के शुरूआती लक्षणों में से एक है। अगर आपको मधुमेह है और आप झुनझुनी के बाद सुन्नपन और जलन महसूस करते हैं, तो फ़ौरन स्क्रीनिंग टेस्ट करवाएं, साथ ही न्यूरोलॉजिस्ट से इसकी वजह मालूम करें।

10. कम सुनाई देना 


डायबिटीज़ कई तरह की होती है- टाइप-1, टाइप-2 और गेस्टेशनल डायबिटीज़। टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज़ बेहद जानलेवा होती है। वहीं, गेस्टेशनल डायबिटीज़ गर्भावस्था के दौरान होती है, जो बच्चे के जन्म के बाद खुद ही खत्म हो जाती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। डायबिटीज़ के कारण अंदर के सेल्स डैमेज हो जाते हैं। जिसका बुरा असर सुनने की क्षमता पर भी पड़ता है।

11. अनहेल्दी स्किन


स्किन खासतौर पर गर्दन के पिछले हिस्से, कोहनियों या घुटनों में पड़ने वाले डार्क पैचेस ब्लड में बढ़ रहे शुगर लेवल की निशानी हो सकते हैं। ख़राब ब्लड सर्कुलेशन की वजह से शरीर संक्रमण (इंफ़ेक्शन) से लड़ने में भी नाकामयाब होने लगता है। इसलिए अगर आपको शरीर के किसी भी हिस्से में लाल निशान, खुजली, सूजन महसूस हो, तो समझिए कि यह डायबिटीज़ की वजह से होने वाला त्वचा संबंधित संक्रमण है।

12. फोड़े-फुंसी


ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाने पर अक्सर फोड़े- फुंसी परेशान करने लगते हैं। इन्हें अवॉइड करने की गलती न करें। डायबिटिक लोगों में अपने आप छालों का होना अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल का नतीजा होता है। डायबिटीज़ के चलते होने वाले छाले अक्सर उंगलियों, टखनों और पैरों में होते हैं। साथ ही यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। डायबिटीज़ ज़्यादातर वंशानुगत और जीवनशैली बिगड़ी होने के कारण होता है। इसमें वंशानुगत को टाइप-1 और अनियमित जीवनशैली की वजह से होने वाले मधुमेह को टाइप-2 श्रेणी में रखा जाता है।

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