यह मसाला खाने का स्वाद तो बढ़ाते ही हैं, उसके साथ ही यह मसाला सेहत के लिए भी बहुत लाभदायक है। इस मसाले का उपयोग आप सलाद, फल या पिज्जा, पास्ता और गार्लिेक ब्रेड के अलावा, चटपटी चीजें बनाने में करते होंगे, लेकिन शायद ही आप इस मसाले के 10 सेहत संबंधी फायदो के बारे में जानते होंगे। हम आपको इसके फायदो के बारे में बताते हैं।
1. वज़न कम
काली मिर्च में पेपरीन भरपूर मात्रा में मौजूद है। पिपेरिन एक ऐसा कंपाउंड है, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। काली मिर्च वज़न घटाने के अलावा, खाद्य पदार्थों की जैव-उपलब्धता को भी बढ़ा देती है, जिसका अर्थ है कि न्यूट्रिएंट्स शरीर द्वारा अधिक आसानी से अवशोषित होते हैं। एक शोध के मुताबिक काली मिर्च शरीर की वसा को कम करने का भी काम करती है। इससे पाचन प्रक्रिया तेज होती है और कम समय में अधिक कैलोरी खर्च होती है। साथ ही यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में भी कारगर है। यह नई फैट कोशिकाओं के निर्माण को भी रोकती है।
2. ज्वाइंट पेन
काली मिर्च खाने के फायदे आपको जोड़ों के दर्द में भी हो सकते हैं। अगर आपको जोड़ों का दर्द या अर्थराइटिस जैसी समस्या है, तो काली मिर्च का सेवन आपके लिए फायेदमंद साबित हो सकता है। काली मिर्च में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इस समस्या से राहत दिलाने में मदद करते हैं। तेल को हल्का गर्म कर के उसमें काली मिर्च मिलाएं और पीठ और कंधों की इससे मालिश करें। गठिया रोग में भी काली मिर्च काफी फायदेमंद साबित होती है।
3. कैंसर
काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन कई तरह के कैंसर से बचाने में मदद करता है। पिपेरिन आपकी आंतों में सेलेनियम, करक्यूमिन, बीटा-कैरोटीन और बी विटामिन जैसे कई पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है। ये ऐसे पोषक तत्व हैं, जो आंत के स्वास्थ्य और कैंसर की रोकथाम के लिए जरूरी हैं। रिपोर्ट के अनुसार अगर काली मिर्च को हल्दी के साथ लिया जाए, तो इसका असर और भी ज्यादा होता है। खास कर महिलाओं में यह ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम के लिए अच्छा है।
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4. डिप्रेशन
काली मिर्च तनाव और डिप्रेशन में भी बहुत लाभदायक साबित हो सकती है। काली मिर्च में पिपेरिन होता है, जो सेरेटोनिन हार्मोन (दिमाग को शांत रखने वाला केमिकल) के उत्पादन को बढ़ावा देता है। सेरेटोनिन तनाव और अवसाद को कम करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, यह मस्तिष्क में बीटा-एंडोर्फिन को भी बढ़ाता है, जो प्राकृतिक दर्द निवारक और मूड ठीक करने का काम करता है। इसलिए अपने रोजमर्रा के खाने में काली मिर्च का इस्तेमाल करें और खुशमिजाज रहें।
5. स्किन प्रॉब्लम
काली मिर्च त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो स्किन प्रॉब्लम जैसे पिंपल्स से बचाने में मदद करते हैं। आप मोटी पिसी काली मिर्च को चीनी और तेल के साथ मिला कर, इसे चेहरे पर मलें। इससे ना केवल चेहरे की गंदगी हटेगी, बल्कि काली मिर्च के कारण रक्तसंचार भी तेज होता है और चेहरे पर निखार आता है।
6. एनीमिया
शरीर में हीमोग्लोबिन कम होने का मतलब अनेकों बीमारियों को न्यौता देना है। बता दें, अगर शरीर में आयरन की कमी होगी तो हीमोग्लोबिन कम होगा, क्योंकि बिना आयरन के शरीर में हीमोग्लोबिन नहीं बन सकता है। शरीर में खून की कमी होने पर आप काली मिर्च का सेवन भी कर सकते हैं। कालीमिर्च में आयरन की मात्रा अधिक होती है जो एनीमिया (खून की कमी) से बचाने में मददगार है। आप चाहे, तो ऐसा कर सकते हैं आप रोजाना सुबह खाली पेट में एक गिलास गुनगुने पानी के में एक चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलाकर पिए। ऐसा करने से आपके शरीर से खून की कमी दूर हो जाएगी।
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7. कमजोरी
यदि आप थोड़ा-सा भी कुछ कार्य कर लेते हैं, तो आपको शरीर में थकान व कमजोरी महसूस होने लगती है आप इस कमजोरी को दूर करने के लिए चाहे तो आप काली मिर्च को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर में पैदा होने वाले फ्री-रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट से कमजोरी दूर होती है।
8. मजबूत मसल्स
काली मिर्च को पानी के साथ भी लिया जा सकता है काली मिर्च शरीर की अधिकतर समस्याओं को दूर करने में काफी मददगार साबित सकती है। इसमें प्रोटीन होता है इसका सेवन करने से बॉडी मसल्स मजबूत रहते है, यह जिम जाने वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद हो सकती है।
9. ब्लड प्रेशर
गुनगुने पानी के साथ काली मिर्च का सेवन करने से बीपी कंट्रोल में रहता है, क्योंकि काली मिर्च में पोटैशियम होता है जो BP से राहत देने में मददगार होता है। साथ ही काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद कर सकता है। काली मिर्च हाइपरग्लेसेमिया को भी नियंत्रित करती है, जिससे मधुमेह के उपचार में सहायता मिलती है।
10. डाइजेशन
काली मिर्च में कार्मिनेटिव गुण होते हैं, कालीमिर्च में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मात्रा अधिक होती है। जिससे डाइजेशन इम्प्रुव होता है और कब्ज़ की समस्या भी दूर होती है। यदि काली मिर्च का सेवन भोजन में किया जाए तो इससे पेट संबंधी परेशानियां जैसे पेट फूलना, अपच या कब्ज़ से छुटकारा मिल सकता है।
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